क्षेत्रक्षेत्रज्ञविभागयोगः (श्रीमदभगवदगीता - अध्याय 13 )
श्रीश्रीश्री त्रिदंडि चिन्नश्रीमन्नारायण रामानुज जीयर स्वामीजी की दिव्य वाणी से
श्रीमदभगवदगीता का मूल
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